छात्र-छात्राओं को हर सप्ताह जीवन कौशल सत्र का रहता है इंतजार
बुरहानपुर - जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम के तहत शा.उ.मा.विधालय बोरसर के बच्चों में आया सकारात्मक बदलाव। जीवन कौशल वे सकारात्मक व्यवहारिक दक्षताएं है जो व्यक्ति के दैनिक जीवन की आवश्यकताओं एवं चुनौतियों को प्रभावी तरीके से सामना करने में सक्षम बनाती है, स्वजागरूकता, समानुभूति संवाद कौशल, अंतवैक्तिक संबंध, समस्या समाधान, निर्णय लेना, तनाव का सामना, भावनाओं की समझ इन जीवन कौशलें पर आधारित ''उमंग'' मार्गदर्शिका में रोचक व मनोरंजक गतिविधियों द्वारा इन कौशलों को विकसित किया जा रहा है।
शा.उ.मा.विद्यालय बोरसर में विगत 3 वर्षो से अध्यापिका श्रीमती प्रीति गौर द्वारा जीवन कौशल शिक्षा सत्र संचालित किया जा रहा है। शाला में सत्रों का संचालन का सकारात्मक प्रभाव विद्यार्थियों पर दिखाई दिया, जो छात्र-छात्राएं कक्षा में बोलने, प्रश्न पूछने में भी सकुचाते थे, उनमें जीवन कौशल द्वारा आत्मविश्वास बढ़ा है, उनकी झिझक दूर हुई है वे अब बढ-चढ़कर शाला में होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेते है। वे शिक्षकों के सामने अपनी बात खुलकर रखते है। उनके बातचीत के तरीके में बदलाव आया है तथा वे एक दूसरे के साथ मिलजुलकर रहते है। उनमें मिलकर काम करने की प्रकृति का विकास हुआ है।
विद्यार्थी अब किसी भी कार्य को करने से पहले उसके फायदे व नुकसान पर विचार करने लगे है। उनमें रचनात्मकता का विकास हुआ है जो उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों में दिखाई देता है। जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम द्वारा छात्र-छात्राओं के व्यवहार में आए इन परिवर्तनों को देखते हुए इस वर्ष कक्षा 10 वीं 11 वीं के लिए भी अलग-अलग मार्गदर्शिका शुरू की गई है।
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