इन शिक्षकों ने शिक्षा के साथ साथ सामाजिक क्षेत्रों में भी जागरूकता का अलख जगाया। शिक्षक दिवस पर विशेष
शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा जाता है ।सही मायनो में कहा जाए तो एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थी का जीवन गढता है ।शिक्षक ही समाज का शिल्पकार एवं मार्गदर्शक होता है ।शिक्षक ही समाज की आधार शिला है ।एक शिक्षक जीवन के अंत तक मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है।एवं समाज को राह दिखाता है ।तभी शिक्षक को समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है ।ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा देने के साथ साथ छात्र छात्राओ के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित शिक्षको का एक परिचय ।
शासकीय माध्यमिक विद्यालय तूरकगुराड़ा में पदस्थ शिक्षक विजय महाजन शिक्षा के साथ साथ योग के लिए समर्पित शिक्षक है ।विजय महाजन के पढाये छात्र डॉक्टर,वकील,इन्जीनियर,शिक्षक बनकर अपनी सेवायें दे रहे हैं ।श्री महाजन ने वर्ष 2012 मे योग प्रशिक्षण भोपाल से योग का प्रशिक्षण किया ।उसके बाद वे बुरहानपुर जिले मे योग के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित हो गए ।
इसी प्रकार पर्यावरण की चिंता करने वाली शिक्षिका है रजनी पाटीदार ।
शासकीय माध्यमिक कन्या विद्यालय शाहपुर मे कार्यरत शिक्षिका रजनी पाटिदार प्रति वर्ष गर्मियों के दिनों में पक्षियों के लिए पानी पीने हेतू जलपात्र रखती है ।एवं स्नेही जनों को जल पात्र का वितरण करती हैं ।
इसी प्रकार पर्यावरण के सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए समर्पित शिक्षक है विजय गावँडे ।
ग्राम दापोरा के शा.उ.मा.वि.मे कार्यरत शिक्षक विजय गावँडे स्कूली छात्राओ को पढ़ाने के साथ साथ पर्यावरण के प्रति भी अपनी भुमिका बखूबी निभा रहे हैं ।वे अवकाश के दिन सिलाई मशीन पर स्वयं कपड़े की थैली बनाकर स्नेही जनों को जन्मदिन या शुभ अवसर पर कपड़े की थैली भेट करके ।कपड़े की थैली का उपयोग करने का संकल्प दिलाते है ।
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