माईबाप, सरकार आखिर कौन लड़ेगा कुपोषण की लड़ाई
बैतूल ।।वामन पोटे।।आदिवासी विधान सभा क्षेत्र के विधायक ब्रम्हा भलावी ने जिला अस्पताल के भूमि पूजन में प्रभारी मंत्री के सामने कहा कि अस्पताल में जरूरत मंद और गरीब आदिवासियों का कोई माईबाप नही है ।परन्तु उन्ही के विधान सभा क्षेत्र के चिचोली के सरकारी अस्पताल में कुपोषित बच्चों को इलाज देने के नाम पर लापरवाही बरती जा रही है जिन बच्चों को 14 दिन तक भर्ती रहना है उन्हें त्यौहार के नाम पर अस्पताल से चलता कर दिया है।हालांकि एनआरसी वार्ड में कुपोषित बच्चों को 14 दिन तक उपचार देने का नियम है। बावजूद वार्ड में कुपोषित बच्चे नजर नही आ रहे है। एनआर सी वार्ड में सोमवार को चिचोली सामुदायिक केंद्र में कम बच्चे भर्ती थे ।एनआरसी वार्ड प्रभारी ने बताया कि 8 बच्चे भर्ती है परन्तु वार्ड में दो बच्चे ही भर्ती थे ।कारण बताया कि बाकी 6 बच्चे त्यौहार होने के कारण गांव चले गए है फिर आ जायेंगे।एनआरसी वार्ड 10 बेड की क्षमता वाला है।
मध्यप्रदेश में सरकार तो बदल गई लेकिन एक स्तर के बाद 'कुपोषण के आंकड़ों में घोटाले' पर पहले वाली सरकार चुप्पी साधे रही, तो अब नई सरकार के लिए भी इसे स्वीकारना मुश्किल है। सबकी कोशिश बस आंकड़ा मैनजमेंट है।बच्चों के जीवन की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी संविधान सरकार को देता है। ऐसे में किसी भी बच्चे के कुपोषण और स्वास्थ्य के संकट को हल न कर पाने की जिम्मेदारी भी चुनी हुई सरकार की ही होगी। और हां जिंदगी-मौत के बीच सरकारी मोहलत नहीं होती। मध्यप्रदेश में महिला बाल विकास मंत्री इमरती ने दावा किया था कि कुपोषण के इस कलंक को दूर कर देंगी।उन्होंने कहा था कि मै गरीब वर्ग से आई हूं गरीब बच्चों के हाल जानती हूं, छोटे छोटे लोग मेहनत मजदूरी को जाते हैं। बच्चियों की जल्दी शादी कर देते हैं। वे खुद ही तंदरुस्त नहीं होंगे तो बच्चा कैसे तंदरुस्त होगा। वही15 साल राज कर चुकी बीजेपी 9 महीने में व्यथित है, बीजेपी को लगता है कांग्रेस ठीक से काम नहीं कर रही। लेकिन 9 महीने में इस सरकार ने भी कोई खास ध्यान नहीं दिया।
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