गुरुवार, 31 अक्टूबर 2019

कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को एकता के सुत्र में पिरोने का श्रेय लौह पुरुष सरदार पटेल को- राठौड़


शासकीय माध्यमिक शाला तुरकगुराडा में आज राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाई गई। शाला के प्रधानाध्यापक श्रीमती ममता पाटिल ने सरदार पटेल जी के चित्र पर माल्यार्पण कर द्वीप प्रज्वलित किया। छात्र एवं छात्राओं द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। 
शाला के शिक्षक श्री कैलाश राठौड़ ने कहा की कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को एकता के सूत्र में पिरोने का श्रेय लौह पुरुष सरदार पटेल की सियासी और कूटनीतिक क्षमता को जाता है।‬



‪उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक नेतृत्व ने भारत के नव-निर्माण में अहम भूमिका निभाई और एक राष्ट्रीय शिल्पकार के रूप में उन्होंने राष्ट्र की उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त किया।‬
‪सरदार वल्लभ भाई पटेल के हर निर्णय में राष्ट्रहित सर्वप्रथम रहा। मातृभूमि के प्रति उनकी अटूट निष्ठा, अद्भुत साहस और संगठन कुशलता हम सभी को सदैव प्रेरित करती रहेगी। ‬
कार्यक्रम में शाला के शिक्षक श्री विजय महाजन, विठ्ठल चौधरी, महेंद्र महाजन, श्रीमती प्रतिभा महाजन थे। 




स्टीम कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों ने विज्ञान एवं गणित सीखने की रूचिकर विधियाँ बताईं

 


 


भोपाल -दो दिवसीय स्टीम कॉन्क्लेव-2019 के प्रारंभिक सत्र में मिन्टो हॉल में साइंस, तकनीकी, इंजीनियरिंग, आर्ट्स एवं गणित (STEAM) को रूचिकर विधि से पढ़ाने के संबंध में विशषज्ञों ने विस्तार से जानकारी दी।
स्टीम की फाउंडर श्रीमती जार्जेट यॉकमेन ने बताया कि स्टीम की शुरूआत वर्ष 2010 में हुई। यह एक आधुनिक पद्धति है जिसमें बच्चे खेल-खेल में गणित एवं विज्ञान को रूचिकर तरीके से सीखते हैं, जैसे कागज की नाव बनाते समय भी गणित और विज्ञान सिखाया जा सकता है। इसी प्रकार संगीत, कला एवं सामाजिक विज्ञान में भी विज्ञान एवं गणित छिपा हुआ है। श्रीमती यॉकमेन ने बताया कि कई देशों में इस पद्धति से बच्चों के लिये विज्ञान और गणित को रूचिकर बनाया। विश्व के आर्थिक एवं शैक्षिक दृष्टि से विकसित अनेक देशों जैसे अमेरिका, रूस, फिनलैंड, साउथ कोरिया, सिंगापुर, चीन एवं ब्रिटेन आदि देशों में भी स्कूली शिक्षा से उच्च शिक्षा के स्तर तक साइंस, टेक्नालॉजी, इंजीनियरिंग एवं मैथ्स के साथ लिबरल आर्ट्स को भी पृथक्-पृथक् विषय के रूप में कम्पार्टमेन्ट्स में न पढाते हुए एकीकृत रूप से पढाया जा रहा है। इस प्रकार के अध्ययन और अध्यापन से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों में 21वीं शताब्दी के लिये आवश्यक स्किल जैसे क्रिएटिविटी, कोलोबरेटिव लर्निंग, कम्यूनिकेशन तथा क्रिएटिव थिंकिंग का अधिक विकास होता है, इस कारण ये देश एक लम्बे समय से आर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एण्ड डेव्लपमेंट (OECD) द्वारा संचालित किये जा रहे प्रोजेक्ट फॉर इन्टरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट (PISA) में उच्च स्थान प्राप्त कर रहे हैं इसीलिये अधिकाधिक देश स्टीम पद्धति को अपना रहे है।
एन्जा कॉलेज केलीफोर्निया, यू.एस.ए. की बाल विकास एवं शिक्षा विषय की प्रोफेसर श्रीमती जयंती तांबे रॉय ने स्टीम पद्धति को पूर्व प्राथमिक स्तर से ही बच्चों के लिये अपनाने पर जोर दिया। वास्तव में स्कूल जाने के पहले ही बच्चा वस्तुओं को पहचानने और उनका निरीक्षण एवं परीक्षण करने लगता है। वह अपने स्तर से प्रयोग एवं अनुसंधान भी करने लगता है, यही वह आयु है जबकि वह विज्ञान को स्वत: ही सीखने लगता है, यदि बाल्यावस्था में ही बच्चे की सीखने की प्रवृत्तियों को अधिक प्रबल बनाया जाये तो विज्ञान और गणित के प्रति उसकी अभिरूचि अपने आप ही बढ़ती है। सीधे स्कूल में ही गणित या विज्ञान को एक विषय के रूप में पढ़ना शुरू करने से अधिकांश बच्चे डर जाते हैं और इन विषयों से दूरी बना लेते हैं। बच्चों के साथ अभिभावकों के अधिक से अधिक समय बिताने एवं उनसे संवाद करने से भी सीखने की प्रवृत्ति बढ़ती है।
श्रीमती अपर्णा अत्रेय ने बताया कि बाल्यकाल एवं विद्यालयीन शिक्षा में कहानी वाचन से विद्यार्थियों में सीखने की प्रवृत्ति बढ़ती है। उन्होंने विद्यालयीन पाठ्यक्रम में कहानी तथा अन्य प्रदर्शन कलाओं को जोड़े जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। कॉन्क्लेव के चार सेशन्स में पूर्व प्राथमिक शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा, सेकन्डरी शिक्षा तथा टीचर एजुकेटर सहित 500 प्रतिभागी शामिल हुए।
स्टीम कॉन्क्लेव के समापन सत्र में शंकर महादेवन अकादमी, बैंगलूरू के पाठ्यक्रम समन्वयक श्री कार्तिक रमन द्वारा संगीत तथा शिक्षण अधिगम पर मंच पर प्रस्तुति दी जायेगी तथा मध्यप्रदेश में स्टीम एजुकेशन को लागू करने संबंध में पेनल डिस्कशन होगा।


शिक्षा बदलाव के साथ जुड़े, शिक्षा और ज्ञान में तालमेल हो स्टीम शिक्षा पद्धति पर दो दिवसीय कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ 

 


भोपाल - मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में आज बड़े परिवर्तन हुए हैं। हमारी शिक्षा बदलाव के साथ जुड़े, शिक्षा और ज्ञान में तालमेल हो, शिक्षक दक्ष हो और वे समाज सेवक के रूप में काम करें, यह सबसे बड़ी चुनौती हमारे सामने है। श्री नाथ आज मिंटो हॉल में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आर्टस एवं मैथ्स (स्टीम) शिक्षा पद्धति पर आयोजित दो दिवसीय स्टीम कान्क्लेव-2019 का शुभारंभ कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि जब भी किसी क्षेत्र में बदलाव हुआ है, तो उसकी आलोचना हुई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 21वी सदी के भारत की कल्पना करते हुए कम्प्यूटर क्रांति की शुरूआत की थी तब उसका विरोध यह कहकर किया गया था कि इससे बेरोजगारी बढ़ेगी, यह एक बेकार की कोशिश है। आज हम देख रहे हैं कि आईटी क्षेत्र में जो क्रांति हुई उससे न केवल बड़ी संख्या में हमारे युवाओं को रोजगार मिला है बल्कि आज पूरे विश्व में हमारे देश के लोग आईटी के क्षेत्र में छाये हुए हैं। श्री नाथ ने कहा कि हमें बदलाव के साथ जुड़ना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व में हर क्षेत्र में परिवर्तन हुआ है। शिक्षा भी अछूती नहीं है। परिवर्तन के इस दौर में हमारे शिक्षकों का अपग्रेड होना जरूरी है, नहीं तो हम अपनी भावी पीढ़ी को आज के और आने वाले समय के अनुकूल शिक्षित नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और ज्ञान को जोड़ा जाना बहुत जरूरी है तभी हम अपने बच्चों का सर्वांगीण विकास कर पाएंगे। उन्होंने मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और उसकी गुणवत्ता में आमूल-चूल परिवर्तन की आवश्यकता प्रतिपादित की। श्री नाथ ने कहा कि हमारे शिक्षकों को आत्म-चिंतन करना चाहिए कि वे अपनी भावी पीढ़ी को किस तरह शिक्षित करें जिससे उसका भविष्य बेहतर हो सके। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों का आव्हान किया कि वे अपने दायित्व को सरकारी नौकरी के रूप में नहीं, बल्कि एक समाज सेवक की भूमिका के रूप में निभाएं। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि प्रदेश शिक्षा की गुणवत्ता में अग्रणी राज्य बने। इसके लिए हमें कड़े कदम उठाने पड़े तो उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने स्टीम शिक्षा पद्धति की सराहना करते हुए कहा कि इससे हम अपने बच्चों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास कर पाएंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि स्टीम शिक्षा पद्धति विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग, गणित और कला की पढ़ाई को न केवल रूचिकर बनाती है बल्कि हमारे बच्चों कों भविष्य की चुनौतियों से निपटने में भी सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार मध्यप्रदेश में स्टीम शिक्षा पद्धति पर विचार के लिए दो दिवसीय कॉन्क्लेव हो रहा है। इसमें नवीनतम ग्लोबल अवधारणा पर विषय-विशेषज्ञ मंथन करेंगे। इसे कैसे लागू करें और पाठ्यक्रम में शामिल करने पर भी विचार होगा। मुझे विश्वास है कि इस कॉन्क्लेव के निष्कर्ष से हमारी शिक्षा पद्धति को नया आयाम हासिल होगा। डॉ. चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता पर काम कर रहे हैं।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने स्टीम शिक्षा पद्धति की मूल अवधारणा, उसके महत्व और कॉन्क्लेव की रूपरेखा की जानकारी दी। इस मौके पर मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष श्रीमती सलीना सिंह, स्टीम एजुकेशन की संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सी.ई.ओ.) सुश्री जार्जट येकमेन, डी ऐंज़ा कॉलेज केलिफोर्निया यू.एस.ए. की बाल विकास एवं शिक्षा विषय की प्रोफेसर सुश्री जयंती टेम्बे रॉय, स्टोरी ट्राइंगल फाउन्डेशन की संस्थापक सुश्री अर्पणा अत्रैय, शिव नाडर फाउंडेशन के बाल शिक्षा विभाग की प्रमुख सुश्री सुमिता मलिक, शंकर महादेवन अकादमी में पाठ्यक्रम विकास कार्य से जुडे़ संगीतकार श्री कार्तिक रमन और स्टीम रिसर्च लैब की विभागाध्यक्ष सुश्री शहीन शाहीबोले उपस्थित थी।


अजा और अजजा विद्यार्थियों की आवास सहायता योजना में रुकी हुई 125 करोड़ की राशि जारी

 


 


भोपाल - राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की आवास सहायता योजना की पिछले शैक्षणिक वर्षों की रुकी 125 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है। इस राशि में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा 46 करोड़ रुपये और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा भी 79 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
जारी की गई राशि में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 की 49 करोड़ रुपये और वर्ष 2018-19 के शैक्षणिक सत्र की 30 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। इसी तरह अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 की आवास सहायता योजना की 79 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
आवास सहायता योजना में अनुसूचित-जाति और जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को, जिन्हें महाविद्यालयीन शिक्षा के लिये छात्रावास उपलब्ध नहीं हो पाते हैं, संभाग स्तर पर प्रतिमाह 2000, जिला स्तर पर 1250 और विकासखण्ड/तहसील स्तर पर 1000 रुपये की आवास सहायता दी जाती है।


मंगलवार, 29 अक्टूबर 2019

स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए हर संभव प्रयास हों : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ

 


बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा
मुख्यमंत्री ने की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता की समीक्षा 


भोपाल -मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मध्यप्रदेश की स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सुधार की दिशा में हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री कमल नाथ आज मुख्यमंत्री निवास पर स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि प्राथमिक, माध्‍यमिक और हाईस्कूल शिक्षा उत्कृष्ट हो, यह आज सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अभी शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने की जरूरत है। यह हमारे प्रदेश के बच्चों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। इससे कोई भी समझौता करना बच्चों के साथ अन्याय करना है।
मुख्यमंत्री ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर स्कूली शिक्षा और अधूरी पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को निरंतर रखने के लिए प्रभावी निगरानी व्यवस्था बनाई जाए। इसके लिए जवाबदेही भी तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों को शिक्षा की बेहतर ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जाए ताकि वे बच्चों को आज की और भविष्य की जरूरत के मुताबिक शिक्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार कार्य को मिशन के रूप में लिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश की सम्‍पूर्ण स्कूली शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए जो भी कदम उठाया जाना है, उसकी कार्य-योजना बनाकर प्रस्तुत करें।
बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


सोमवार, 28 अक्टूबर 2019

जवाहर नवोदय विद्यालय-कक्षा-9 वी में प्रवेश हेतु चयन परीक्षा 8 फरवरी को 

जवाहर नवोदय विद्यालय-कक्षा-9 वी में प्रवेश हेतु चयन परीक्षा 8 फरवरी को


बुरहानपुर  - जवाहर नवोदय विद्यालय, लोनी में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए लेटरल इन्ट्री परीक्षा कक्षा-9 वी में प्रवेश के लिए रिक्त (लगभग-3) स्थान के लिए प्रवेश परीक्षा 8 फरवरी, 2020 (शनिवार) को आयोजित होगीं। यह जानकारी जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य श्री अब्राहम जार्ज ने दी।  
प्राचार्य ने बताया कि आवेदन पत्र जवाहर नवोदय विद्यालय की वेबसाईट से निशुल्क किए जा सकते हैं। आवेदन 25 अक्टूबर 2019 से 10 दिसम्बर 2019 तक किए जा सकते हैं। सत्र 2019-20 में बुरहानपुर जिले के शासकीय अथवा शासन द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय की कक्षा-8 वी में अध्ययनरत अथवा अध्ययन कर चुके अभ्यर्थी जिनका जन्म 01/05/2004 से पहले एवं 30/04/2008 के बाद न हुआ हो आवेदन के लिए पात्र होगे तथा प्रवेश के समय अभ्यर्थी का सत्र 2019-20 की कक्षा-8 वी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।  


बुधवार, 23 अक्टूबर 2019

निःशुल्क नं.1098 चाईल्ड हेल्प लाईन नंबर पर-आपके लिए

निःशुल्क नं.1098 चाईल्ड हेल्प लाईन नंबर पर-आपके लिए


बुरहानपुर  - जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला न्यायालय बुरहानपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीशा श्री वीरेन्द्र एस0 पाटीदार के मार्गदर्शन में द्वितीय शिविर स्थान शासकीय उर्दू हायर सेकेंडरी स्कूल नेपानकर में आयोजित किया गया। शिविर को संबोधित करते हुये श्री अपर जिला न्यायाधीश श्री नरेन्द्र पटेल ने कहा कि ऐसे अपरिचित व्यक्तियों से हमें संपर्क में नहीं रहना चाहिए न उनसे किसी प्रकार की वस्तु लेना चाहिए, अगर किसी प्रकार की समस्या हो तो अपने माता-पिता या शिक्षक को अवगत कराना चाहिए। जिससे चाईल्ड ट्रेफिकिंग को रोका जा सकता है। श्री पटेल ने कहा कि बच्चों में जागरूकता से ही बच्चों के प्रति अपराधों को रोका जा सकता है। सायबर लॉ के बारे में जानकारी दी गई एवं व्हाटसएप तथा फेसबुक पर किसी भी प्रकार की अश्लील चित्र या वीडियों संबंधित नियमानुसार जानकारी भी प्रदान की गई।  
शिविर को संबोधित करते हुये जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री रॉबिन दयाल ने कहा कि बालकों का संरक्षण करना अधिनियम के अंतर्गत पालन करना प्रत्येक का कर्त्तव्य है किसी प्रकार की समस्या होने पर निःशुल्क नं0 1098 चाईल्ड हेल्प लाईन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। शिविर के संबोधित करते हुये थाना प्रभारी श्री हीलालाल चौहान ने कहा कि किसी प्रकार की समस्या होने थाने में या 100 डायल पर एवं निर्भया टीम से संपर्क कर सकते है। उक्त शिविर में स्कूल के प्राचार्य एवं शिक्षकगण तथा छात्र-छात्राएं बडी संख्या में उपस्थित रहे।


मोटर व्हीकल एक्ट, बाल संरक्षण अधिनियम एवं पास्को एक्ट जागरूकता के लिए शिविर आयोजित

मोटर व्हीकल एक्ट, बाल संरक्षण अधिनियम एवं पास्को एक्ट जागरूकता के लिए शिविर आयोजित


बुरहानपुर  - जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला न्यायालय बुरहानपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री वीरेन्द्र एस0 पाटीदार के मार्गदर्शन में नेपानगर स्थित सेंट एनथौनी हायर सेंकडरी स्कूल नेपानगर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें मोटर व्हीकर एक्ट, पास्को एक्ट, बालकों से मैत्रीपूर्ण संबंध में शिविर को संबोधित करते हुये अपर जिला न्यायाधीश श्री नरेन्द्र पटेल ने पास्को एक्ट के अंतर्गत जानकारी प्रदान की गई। जिसके अंतर्गत श्री पटेल ने कहा कि लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीडन और अश्लील साहित्य के अपराधों से बालकों का संरक्षण करने और ऐसे अपराधों का विचारण करने के लिये विशेष न्यायालयों की स्थापना तथा उनसे संबंधित या आनुशंगिक विषयों के लिए अधिनियम बनाये गये हैं। भारतीय संविधान के  अनुच्छेद 15 खंड (3) अन्य बातों के साथ राज्य बालकों के लिये विशेष उपबंध करने के लिये सशक्त करता है। श्री पटेल ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाये। पर्यावरण को संरक्षण हेतु पेड लगाये तथा सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें।   शिविर में बताया गया कि मोटर व्हीकर एक्ट के अंतर्गत नियमों का पालन करते हुये वाहन चलाना चाहिए। जिसमें बीमा लाइसेंस, गति सीमा, तय सीमा में वाहन चलाना एवं यातायात के सभी नियमों का ज्ञान होना आवश्यक है। जिससें व्यक्ति यातायात के नियमों का पालन करे तो दुर्घटना से बच सकता है। उक्त कार्यक्रम में प्राचार्य एवं नेपानगर थाने की निर्भया टीम बडी संख्या में बालक बालिकाएं उपस्थित रहे।


बिम्ट्स में बी.बी.ए. एवं बी.सी.ए. चतुर्थ सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट

बिम्ट्स में बी.बी.ए. एवं बी.सी.ए. चतुर्थ सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट


बुरहानपुर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा मैनेजमेंट विभाग के बी.बी.ए. चतुर्थ सेमेस्टर एवं कम्प्यूटर विभाग के बी.सी.ए. चतुर्थ सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। इसमें निमाड़ क्षेत्र की अग्रणी षिक्षण संस्था प्रो. बृजमोहन मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड टेक्निकल साइंसेस महाविद्यालय बुरहानपुर का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहा।
संस्था के जनसंपर्क अधिकारी मिर्जा राहत बेग ने बताया कि बी.बी.ए. चतुर्थ सेमेस्टर मंे सौरव जटाले ने 74.16 प्रतिषत अंक प्राप्त कर प्रथम, पीयुष हेडव ने 72.33 प्रतिषत अंक अर्जित कर द्वितीय स्थान एवं निधी बेदरकर ने 70 प्रतिषत अंक हासिल कर तृतीय स्थान प्राप्त किया। बी.सी.ए. चतुर्थ सेमेस्टर में धीरज पाटील ने 70.57 प्रतिषत अंक के साथ महाविद्यालय में प्रथम एवं पवन गावंडे ने 60.57 प्रतिषत अंक हासिल कर द्वितीय स्थान अर्जित किया। 
विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर संस्था अध्यक्ष श्रीमती राखी मिश्रा, उपाध्यक्ष अनिल जैन, सचिव अमित मिश्रा, संस्था के प्रषासनिक अधिकारी विषाल गोजरे, प्राचार्य सैय्यद आसिफ अली, डॉ. कविता पवार, मुकेष पाटील, राकेष ओनकर, हर्षल महाजन, रजनी रायकवार, शाहिना बानो, भुषण सातोरे, अंजु पाल एवं समस्त स्टॉफ ने शुभकामनाएं प्रेषित कर हर्ष व्यक्त किया।


कलेक्टर ने सहायक आयुक्त को सहायक अध्यापक के वेतन आहरण संबंधी निर्देश दिये

कलेक्टर ने सहायक आयुक्त को सहायक अध्यापक के वेतन आहरण संबंधी निर्देश दिये



बुरहानपुर  - कलेक्टर श्री राजेश कुमार कौल ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग बुरहानपुर को वेतन आहरण संबंधी निर्देश दिये। प्राप्त जानकारी के अनुसार सहायक अध्यापक श्री संजय विश्वे शासकीय हिन्दी प्राथमिक शाला क्र-2 नेपानगर का वेतन आहरण के संबंध में सहायक आयुक्त से चर्चा की गई। संबंधित आवेदक को 7 माह से वेतन नहीं मिला है। आवेदक द्वारा जिला कलेक्टर के समक्ष प्रत्येक सप्ताह विषयांकित शिकायत प्रस्तुत की गई है। जिसके निराकरण को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर श्री कौल द्वारा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को आदेशित किया है कि आवेदक को 7 माह से वेतन का आहरण क्यों नही हुआ है अवगत कराये एवं ऐसे कितने कर्मचारी है जिनको तकनीकी कारणों से वेतन का आहरण नहीं हो पाया है। अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि जब तक संबंधित आवेदक का वेतन नहीं निकाला जाता है तब तक संबंधित लेखापाल/स्थापना लिपिक एवं प्रभारी का वेतन आहरण ना किया जाये। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से समय सीमा में पूर्ण करवाना सुनिश्चित करे


मंगलवार, 22 अक्टूबर 2019

शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक शालाओं में शाला प्रबंधन समितियों का गठन

शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक शालाओं में शाला प्रबंधन समितियों का गठन




बुरहानपुर - प्रदेश के सभी शासकीय और अनुदान प्राप्त प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों में शाला प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है। राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देश पर सभी जिलों में इसकी आवश्यक तैयारियाँ कर ली गई हैं। शाला शिक्षकों को प्रशिक्षण के साथ ही आवश्यकतानुसार शालावार पर्यवेक्षक भी नियुक्त किये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा के अधिकार कानून में सभी शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों के बेहतर प्रबंधन और शैक्षिक गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए शाला प्रबंधन समितियों के गठन का प्रावधान है। ये समिति, बच्चों के शाला नामांकन, नियमित उपस्थिति, गुणवत्तायुक्त शिक्षा और अधोसंरचना कार्यों के साथ बच्चों के बहुआयामी विकास में महत्वपूर्ण भमिका निभाती हैं।
शाला प्रबंधन समितियों में, शाला में पढ़ रहे बच्चों के पालक, शाला के प्रधान शिक्षक, वरिष्ठतम् महिला शिक्षिका, स्थानीय वार्ड के पंच/पार्षद तथा स्थानीय निकाय के सरपंच/अध्यक्ष/महापौर द्वारा नामित अन्य वार्ड की एक महिला पंच/पार्षद के रुप में निर्वाचित जन-प्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं। स्कूलों के स्थानीय प्रबंधन के अधिकार भी इन समितियों को रहते हैं।  
मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 413 दिनांक 04 अक्टूबर 2019 में शिक्षा का अधिकार नियम में किये गए संशोधन अनुसार, प्रत्येक प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला की प्रबंधन समिति में 18 सदस्य होंगे। पूर्व में प्राथमिक स्कूलों में 18 सदस्यीय एवं माध्यमिक स्कूलों में 16 सदस्यीय शाला प्रबंधन समिति गठित की जाती थी। संपूर्ण प्रदेश में, कक्षा 1 से 5 की प्राथमिक, कक्षा 6 से 8 की माध्यमिक एवं कक्षा 1 से 8 तक की संयुक्त प्राथमिक माध्यमिक शालाओं में इन समितियों का गठन वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के सत्र के लिए किया जा रहा है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में अध्ययनरत्, विद्यार्थियों  के पालकों और अभिभावकों को शाला प्रबंधन समिति से जुड़ने और शालाओं के विकास कार्यों में सहभागी बनने का आग्रह किया है।  


गुरुवार, 17 अक्टूबर 2019

प्रदेश की 1 लाख 20 हजार से अधिक शासकीय शालाओं में पालक-शिक्षक बैठक 19 अक्टूबर को 90 लाख से अधिक बच्चों की शालेय जानकारियां पालकों से साझा करेंगे

 


बुरहानपुर - प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दृष्टि से 19 अक्टूबर को लगभग 1 लाख 20 हजार शालाओं में पालक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) होंगी। इनमें सहभागिता के लिये 90 लाख से अधिक विद्यार्थियों के अभिभावकों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य अभिभावकों को उनके बच्चों के शैक्षणिक स्तर की जानकारी प्रदान करना, शाला के अकादमिक मुद्दों की जानकारी देना, सुझाव प्राप्त करना तथा विद्यार्थियों को प्रेरित कर उनके शैक्षिक स्तर में सुधार के लिये अभिभावकों को जागरुक करना है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने सभी कलेक्टर्स एवं मैदानी अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। पालकगण अपनी सुविधानुसार शाला समय के दौरान किसी भी समय, शाला में आकर अपने बच्चे की शैक्षणिक एवं सहशैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी शिक्षकों से प्राप्त कर सकेंगे।
       बैठक में क्लास टीचर पालकों से उनके बच्चों के संबंध में व्यक्तिगत चर्चा करेंगे। मुख्यतरू विद्यार्थी की त्रैमासिक परीक्षा/दक्षता उन्नयन की कॉपियाँ अभिभावकों को दिखाई जायेंगी। साथ ही माता-पिता को यह जानकारी दी जाएगी कि विद्यार्थी को किन विषयों में अभ्यास की अधिक आवश्यकता है। शाला में विद्यार्थी की उपस्थिति की जानकारी दी जाएगी। अनियमित विद्यार्थियों के पालकों को बच्चों की नियमित उपस्थिति के लिये प्रेरित किया जायेगा। पालकों से उनके बच्चों की शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों में रुचि, कक्षा में प्रश्न पूछने एवं उत्तर देने की तत्परता आदि के संबध में भी शिक्षक चर्चा करेंगे। शाला में संचालित होने वाली निदानात्मक (रेमेडियल) कक्षाओं की जानकारी भी पालकों को दी जायेगी। शिक्षक पालकों से बच्चों की व्यक्तिगत आदतों, व्यवहार, कक्षा में अध्ययन आदि बिंदुओं पर भी चर्चा करेंगे।
         पालकों का उस विषय के विषय शिक्षक से परामर्श भी कराया जायेगा, जिस विषय में उनके बच्चे की उपलब्धियां स्तरानुकूल नही हैं। कक्षा-शिक्षक द्वारा बैठक का रिकॉर्ड संधारित किया जायेगा। शाला के प्राचार्य/प्रधानाघ्यापक/संस्था प्रमुख भी इस अवसर पर पालकों से चर्चा के लिये उपलब्घ रहेंगे। अभिभावकों को सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय की मॉनिटरिंग के लिये प्रेरित किया जायेगा ताकि शिक्षण व्यवस्था में अभिभावक सहभागी बनें।


क्षेत्रिय संस्थान में विद्यार्थियों की प्रतियोगिताओं का समापन

क्षेत्रिय संस्थान में विद्यार्थियों की प्रतियोगिताओं का समापन



भोपाल। 16 अक्तूबर, क्षेत्रिय शिक्षा संस्थान, भोपाल में आज राष्ट्रीय स्तर की पाँच दिवसीय अन्तर क्षेत्रिय संस्थान छात्र प्रतियोगिताओं का समापन हो गया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर आर जे राव, कुलपति, बरकतुल्लाह विष्वविद्यालय थे, उन्होंने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि यह बड़ा सुखद अनुभव है कि सभी क्षेत्रिय शिक्षा संस्थानों के विद्यार्र्थी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं। इसमें देश के लगभग हर प्रांत के छात्र आते हैं जिनकी अलग अलग संस्कृति होती है, ऐसे में एक दूसरे को समझने में और एक दूसरे के साथ सहयोग की भावना भी बढ़ती है।
इस प्रतियोगिता में होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में कई तरह की प्रतियोगिताएं थीं, जिन्हें मुख्य रूप से तीन भागों में आयोजित किया गया। एथलेटिक्स में भोपाल प्रथम और भुवनेष्वर द्वितीय रहा। टीम प्रतियोगिताओं में भुवनेष्वर प्रथम जबकि भोपाल द्वितीया रहा। साहित्यक प्रतियोगिताओं में अजमेर प्रथम जबकि भुवनेष्वर द्वितीय रहा। जबकि सभी प्रतियोगिताओं को मिलाकर आर आई भुवनेष्वर प्रथम और आर आई ई भोपाल द्वितीय रहा। इस अवसर पर हर शाम सभी संस्थानों ने अपने अपने क्षेत्रों के साँस्कृतिक कार्यक्रम भी पेष किए, लेकिन इसे प्रतियोगिता में नहीं रखा गया। बल्कि यह अपनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व था।
इस अवसर पर सम्मानित अतिथि प्रो पी सी अग्रवाल, प्राचार्य, क्षेत्रिय षिक्षा संस्थान, भुवनेष्वर ने कहा कि यह एक बड़ा सुअवसर है जब देष के कोने कोने से लोग आते हैं और खेल भावना से खेलते हैं, और सुबह से शाम तक एक दूसरे के साथ सहयोग से काम करना सीखते हैं। यह सभी छा़त्र भविष्य के शिक्षक हैं इसलिए अच्छे संस्कार सीखना ज़रूरी है।
संस्था के प्रचार्य प्रो ़एन प्रधान ने कहा आयोजक होने की वजह से हमने इस बात पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया कि कौन जीत रहा है कौन हार रहा है। हमारा पूरा ध्यान इस बात पर था कि सभी प्रतियोगिताएं सही भावना के साथ सम्पन्न होनी चाहिए। और इसमे इसमें हम कामयाब रहे, यह एक तरह से एन सी ई आर टी परिवार की जीत है। संस्था के डीन, प्रो आई बी चुग़ताई ने कहा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा में इस बात पर ज़ोर दिया गया था कि अब खेलकूद और संास्कृतिक कार्यक्रम भी मुख्यपाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। जिसे अब सही तरीक़े से लागू किया जा रहा है। अंत में कार्यक्रम के संयोजक एन सी ओझा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।


(डा0 रिज़वानुल हक़)
मीडिया संयोजक
9479438340


बुधवार, 16 अक्टूबर 2019

डेंगू का लार्वा मिलने पर  3 स्कूलों पर 25 हजार रू. जुर्माना

डेंगू का लार्वा मिलने पर  3 स्कूलों पर 25 हजार रू. जुर्माना


खण्डवा , संजय चौबे ।  नगर निगम सीमा क्षेत्र में डेंगू मलेरियाकी रोकथाम हेतु जिला मलेरिया विभाग व नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा लगातार वार्डो का भ्रमण कर डेंगू लार्वा जांच कार्य निरंतर किया जा रहा है। इसी क्रम में नगर निगम खण्डवा के झोन क्रमांक 6 के अंतर्गत मंगलवार को जिला मलेरिया अधिकारी के निर्देशानुसार स्कूलों में लार्वा चेकिंग का काम किया गया। स्कॉलर डेन स्कूल, सेंट पायस स्कूल एवं भंडारी पब्लिक स्कूल में कार्रवाई की गई। इस कार्यवाही के दौरान सेंट पायस स्कूल पर 10000 रू. व भंडारी पब्लिक स्कूल पर 10000 रू. के जुर्माने की कार्यवाही की गई। इसके अलावा बुधवार को झोन क्रमांक 06 में ही स्कूलों का निरीक्षण किया गया जिसमें सेंट जॉन्स स्कूल ,बचपन प्ले ,स्कूल एंजेल प्लेनेट स्कूल में डेंगू का लार्वा चेक किया गया और स्कूल प्रशासन को डेंगू व मलेरिया से बचने के उपाय के बारे में जिला मलेरिया अधिकारी  मनीषा जुनेजा ने बताया। इस दौरान बचपन प्ले स्कूल में डेंगू का लार्वा मिलने पर 5000 रू. जुर्माना एवं रामेश्वर वार्ड में पानी की टंकी में लार्वा पाए जाने पर 500 रू. जुर्माने की कार्रवाई की गई। साथ ही पानी की टंकी को तोड़ दिया गया। इस कार्यवाही में जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती मनीषा जुनेजा, प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी मोहम्मद शाहिन खान, झोन प्रभारी भुवन श्रीमाली, स्वास्थ्य विभाग की टीम से श्री नरेंद्र मंडलोई ,राजेश अस्तरे एस.एन. व्यास, डालूराम चौहान,  भुवन श्रीमाली सम्मिलित रहे।


मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019

विश्व हाथ स्वच्छता दिवस मनाया गया

विश्व हाथ स्वच्छता दिवस मनाया गया



बुरहानपुर-  सरस्वती  शिशु मंदिर सरस्वती नगर बुरहानपुर में विश्व हाथ स्वच्छता दिवस मनाया गया इस उपलक्ष्य में बाल संस्कार समिति के अध्यक्ष महोदय श्री सोमेश्वर जी मर्चेंट ने कहा कि हर वर्ष लोगो में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 15 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रत्यक्ष रूप से सभी भैयाओ के हाथ धोने का अभ्यास किया गया ज्ञात रहे कि डायरिया,सर्दी जुकाम व पेट संबंधी रोगों का कारण भैया बहिनों का हाथ न धोना होता है।


अपने वेतन से शिक्षिका ने स्कूल को बना दिया एजुकेशन एक्सप्रेस

अपने वेतन से शिक्षिका ने स्कूल को बना दिया एजुकेशन एक्सप्रेस



मध्य प्रदेश की शिक्षिका संतोष उईके ने स्कूल में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए पूरे स्कूल को रेलगाड़ी का रूप दे दिया। अपने वेतन से स्कूल की शक्ल बदलवाने वाली शिक्षिका संतोष को इसका असर भी देखने को मिला और स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ गई।



मध्य प्रदेश । सरकार शिक्षा के लिए अरबो रुपये खर्च करती हैं, लेकिन फिर भी सरकारी विद्यालयों की ओर रुख करने वाले छात्रों की संख्या कम ही होती है। पिछड़े क्षेत्रों में जहां लोग दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करते हैं, वहां तो लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजते ही नहीं है। मध्य प्रदेश के ​डिंडोरी में भी कुछ ऐसा ही था। यहां की प्रधान अध्यापिका संतोष उईके ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए परिवारों को समझाया, बच्चों से मिली लेकिन फिर भी स्कूल में छात्रों की संख्या कम ही थी। बच्चों को लुभाने के लिए संतोष ने कुछ करने की ठानी। उन्होंने स्कूल की सूरत को बदलने का प्रण लिया। चूंकि डिंडोरा आदिवासी इलाका है, तो पिछड़ेपन और गरीबी के कारण यहां अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने की जगह मजदूरी कराना ज्यादा पसंद करते थे। संतोष ने बच्चों को खींचने के लिए स्कूल की बिल्डिंग को रेलगाड़ी के रूप में बदल दिया। दूर से देखने में इमारत ऐसी लगने लगी मानों सचमुच की ट्रेन खड़ी है। कमरों के प्रवेशद्वार को रेलगाड़ी के द्वार की तरह ही रंग व रूप दिया गया है, साथ ही दीवारों पर खिड़कियों की आकृति बनी है। उनके इस प्रयास का लाभ ये हुआ कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे रेलगाड़ी के मोह में स्कूल पहुंचना शुरू हो गए। जो बच्चे नियमित विद्यालय नहीं आते थे, उन्होंने भी नियमित विद्यालय आना शुरू कर दिया। स्कूल रूपी इस रेलगाड़ी को नाम दिया गया है- एजुकेशन एक्सप्रेस एमएस खजरी। जिस स्थान पर इसे खड़ा दर्शाया गया है, वह है माध्यमिक शाला, खजरी जंक्शन। इस गाड़ी में अगला हिस्सा पूरी तरह इंजिन की तरह रंगा हुआ है, जिस पर एजुकेशन एक्सप्रेस लिखा है। यहां मध्यान्ह भोजन कक्ष का नाम अन्नपूर्णा कक्ष दिया गया है। गांव के लोग भी विद्यालय की इमारत को रेलगाड़ी का रूप दिए जाने से खुश हैं। गांव के लोग कहते हैं कि दूर से विद्यालय को देखने पर ऐसा लगता है, मानो सच में रेलगाड़ी खड़ी हो। यहां रेलगाड़ी नहीं आई, मगर विद्यालय की प्रधान अध्यापिका और उनके सहयोगियों ने स्कूल की इमारत को ही रेलगाड़ी बनाकर शौक पूरा कर दिया है। विद्यालय को आकर्षक बनाने के लिए शिक्षकों ने अपने वेतन से भी इसमें पैसा लगाया है। यह विद्यालय हर किसी के लिए एक नजीर बन गया है कि अगर शिक्षक चाहें तो बच्चों को विद्यालय आने के लिए अपने प्रयासों से प्रेरित कर सकते हैं।


साभार 


अमर उजाला 
 


सोमवार, 14 अक्टूबर 2019

बिम्ट्स महाविद्यालय में जिला स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता आयोजित

बिम्ट्स महाविद्यालय में जिला स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता आयोजित



बुरहानपुर। झिरी स्थित प्रो. बृजमोहन मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड टेक्निकल साईसेंस महाविद्यालय में देवी अहिल्या विष्वविद्यालय इंदौर के अन्तर्गत जिला स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के शासकीय एवं अषासकीय महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के मध्य बैडमिंटन स्पर्धा खेली गई। 
संस्था के जनसंपर्क अधिकारी मिर्जा राहत बेग ने बताया कि देवी अहिल्या विष्वविद्यालय इंदौर अंतर्गत आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में बिम्ट्स महाविद्यालय को बैडमिंटन महिला एवं पुरूष प्रतियोगिता आयोजित करने का दायित्व सौंपा गया था। जिसके अंतर्गत बिम्ट्स परिसर झिरी में महाविद्यालय के बैडमिंटन कोर्ट पर प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। जिसमें पर्यवेक्षक रूप में पधारे शासकीय महाविद्यालय बुरहानपुर के प्राचार्य डॉ. सुषील सोमवंषी ने खिलाडि़यों का परिचय कर खेल को प्रारंभ किया।



इस प्रतियोगिता में शासकीय महाविद्यालय नेपानगर, कादरिया कॉलेज बुरहानपुर, बिम्ट्स महाविद्यालय बुरहानपुर के मध्य पुरूष एवं महिला बैडमिंटन की सिंगल एवं डबल्स प्रतियोगिता संपन्न हुई। इसमें शासकीय महाविद्यालय नेपानगर के पुरूष सिंगल एवं महिला सिंगल विजेता रहे। पुरूष डबल्स में शासकीय महाविद्यालय नेपानगर की टीम एवं महिला डबल्स मंे बिम्ट्स महाविद्यालय की टीम विजेता रहीं। निर्णायक के रूप में पधारे निलेष आमोदे एवं चयनकर्ता अनिल खंडाले, महाविद्यालय के क्रिड़ा अधिकारी हेमलाल सोलंकी, जयप्रकाष पाटील, शासकीय महाविद्यालय नेपानगर एवं कादरिया महाविद्यालय के क्रिड़ा अधिकारियों की उपस्थिति मंे संभाग स्तर हेतु खिलाडि़यों का चयन किया गया। महाविद्यालय में आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता में सफल विद्यार्थियों को संस्था अध्यक्ष श्रीमती राखी मिश्रा, उपाध्यक्ष अनिल जैन, सचिव अमित मिश्रा, प्रषासनिक अधिकारी विषाल गोजरे, प्राचार्य आसिफ अली, प्रभारी प्राचार्य डॉ.धीरज कुमार नेगी, संतोष मावले, अजय ढालवानी एवं अमोल काले एवं समस्त स्टॉफ ने शुभकामनाएं प्रेषित कर हर्ष व्यक्त किया।


 


शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2019

अहमदाबाद विज्ञान मंथन यात्रा में कु.मेघा ओंकार चौहान का चयन"         

"अहमदाबाद विज्ञान मंथन यात्रा में कु.मेघा ओंकार चौहान का चयन"        


बुरहानपुर :-मॉडर्न हायर सेकेंडरी स्कूल  लोधीपुरा बुरहानपुर कि छात्रा का सत्र 2019 -20 मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौधौगिकी परिषद भोपाल द्वारा प्रकाशित सूची में कु.मेघा ओंकार चौहान का चयन अहमदाबाद के लिए विज्ञान मंथन यात्रा  की सूची में चयन हुआ है । यह विज्ञान मंथन यात्रा 13 से 20 अक्टूबर तक अहमदाबाद में आयोजित  होगी । विज्ञान मंथन यात्रा मे प्रदेश के चयनित विद्यार्थियों के साथ गाइड  शिक्षक प्रसिद्ध वैज्ञानिकों एवं देश की प्रसिद्ध प्रयोगशालाओ  से रूबरू होगे । विज्ञान विषय एवम  वैज्ञानिक सोच को लोकप्रिय बनाने के लिये हर साल यह यात्रा कराई जाती है जिससे प्रदेश के कुल 625 विद्यार्थियों एवम शिक्षको का चयन किया जाता है।  कु .मेघा पिता ओमकार चौहान  का चयन होने पर बुरहानपुर जिला शिक्षा अधिकारी श्री अतीक अली ,जिला विज्ञान प्रभारी श्री राकेश दलाल  मॉडर्न हायर सेकेंडरी स्कूल के संचालक श्री योगेश शर्मा ,प्राचार्य श्री अरविंद कुमार ओहजा , संदीप शर्मा , शिवकुमार लाड़,जितेंद्र महाजन एवम समस्त शिक्षको ने  बधाई प्रेषित की ।


बुधवार, 9 अक्टूबर 2019

छह लाख बच्चों के खाते में अभी नहीं पहुंची यूनिफार्म की राशि

 छह लाख बच्चों के खाते में अभी नहीं पहुंची यूनिफार्म की राशि


मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों को इस बार यूनिफार्म के बदले खाते में राशि देने मंत्री की घोषणा के पांच माह बाद अभी तक 56 लाख बच्चों को राशि मिल पाई है। अभी भी छह लाख बच्चों के खातों में राशि नहीं पहुंची है। इसका मुख्य कारण विभाग की ओर से सभी बच्चों की मैपिंग न होना है। विभाग ने पोर्टल पर दर्ज संख्या के हिसाब से स्कूलों में राशि भेज दी है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा प्रदेशभर के प्राथमिक व माध्यमिक कक्षा के सभी बच्चों को यूनिफार्म दी जाती है। विभाग को 64 लाख बच्चों को दो यूनिफार्म के लिए 600 रुपए देने हैं। विभाग यूनिफार्म पर लगभग 3 करोड़ 84 लाख रुपए खर्च करेगा। हर साल 70 लाख बच्चों के हिसाब से यूनिफार्म की राशि दी जाती थी।


हालांकि विभाग ने स्कूलों से जल्द सभी बच्चों की मैपिंग कर सूची मांगी है, ताकि सभी को राशि दी जा सके। इस बार 1 अप्रैल से सत्र आरंभ हुआ है, लेकिन 8 माह बाद भी बच्चे नई यूनिफार्म में स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। उधर राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों का मानना है स्कूल शिक्षा मंत्री ने यह फैसला पिछले साल सिली हुई यूनिफार्म में देरी के कारण लिया था। बच्चों को साइज के अनुरूप यूनिफार्म उपलब्ध नहीं कराई गई थी, जिससे बाद में दिक्कत हुई थी।


प्रत्येक बच्चे को 600 रुपए दिए जाएंगे


2010 तक विद्यार्थियों को सिली हुई यूनिफार्म दी जाती थी। इसमें गड़बड़ी होने के कारण बच्चों को दो यूनिफार्म की जगह 400 रुपए चेक के माध्यम से देने का फैसला लिया गया। इस व्यवस्था में शिकायत मिली कि अभिभावक राशि को अन्य कामों में खर्च कर देते थे, जिससे बच्चे पुरानी यूनिफार्म में ही स्कूल जाते थे। इसके बाद 2018 में फिर तय हुआ कि सिली हुई यूनिफार्म दी जाएगी। अब फिर इस साल से यूनिफार्म के लिए 600 रुपए अभिभावकों को ऑनलाइन पेमेंट किए जा रहे हैं।


अभी तक पोर्टल पर दर्ज बच्चों के हिसाब से अभिभावकों के खाते में यूनिफार्म की राशि भेज दी गई है। जो बच्चे बच्चे हैं उनके लिए भी राशि जल्द भेज दी जाएगी।- डॉ. प्रभुराम चौधरी, स्कूल शिक्षा मंत्री


 


साभार 


एम पी दर्पण 


शनिवार, 5 अक्टूबर 2019

कलेक्टर ने ग्राम बोरीबुजुर्ग में स्कूल व आंगनवाड़ी केन्द्र का किया निरीक्षण


कलेक्टर ने ग्राम बोरीबुजुर्ग में स्कूल व आंगनवाड़ी केन्द्र का किया निरीक्षण



बुरहानपुर - ''आपकी सरकार आपके द्वार'' कार्यक्रम के तहत आज ग्राम बोरीबुजुर्ग में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री राजेश कुमार कौल ने आंगनवाड़ी केन्द्र क्र-1, प्राथमिक शाला, राशन दुकान, आंगनवाड़ी केन्द्र क्र-2, उच्चतर माध्यमिक एवं हाईस्कूल, पंचायत भवन, प्रधानमंत्री आवास के तहत निर्मित आवास भवनों का निरीक्षण किया।


 


निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने आंगनवाड़ियों केन्द्रों के निरीक्षण में बच्चों की उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से कुपोषित बच्चों की जानकारी ली। कलेक्टर ने कुपोषित बच्चों के वजन नपवाये एवं निर्देशित किया कि उन्हें पौष्टिक भोजन अपने हाथो से खिलवाये।


माध्यमिक हाईस्कूलों के निरीक्षण में कलेक्टर ने बच्चों से सवाल-जवाब किये। राजनीति विषय से संबंधित विद्यार्थियों से विषय संबंधित प्रश्न पूछे। कलेक्टर ने शिक्षकों को समय-समय पर पेरेंन्ट्स मीटिंग करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्री रोहन सक्सेना, डीपीसी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।


शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2019

कमिश्नर ने रीवा जिले के 11 संकुल प्राचार्यों को किया निलंबित, संकुल प्राचार्यों द्वारा मनमानीपूर्ण तरीके से 23 स्कूलों को बंद किये जाने के मामले में कमिश्नर ने की कार्यवाही

कमिश्नर ने रीवा जिले के 11 संकुल प्राचार्यों को किया निलंबित, संकुल प्राचार्यों द्वारा मनमानीपूर्ण तरीके से 23 स्कूलों को बंद किये जाने के मामले में कमिश्नर ने की कार्यवाही


रीवा- रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने रीवा जिले के 11 संकुल प्राचार्यों को निलंबित करने के आदेश दिये हैं। इन लापरवाह प्राचार्यों द्वारा मनमानीपूर्ण तरीके से 23 स्कूलों को बंद करने का दोषी पाये जाने पर यह कार्रवाई की गई है। इन प्राचार्यों ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिये बिना अवैधानिक तरीके से ग्रामीण क्षेत्र के 23 स्कूलों का संचालन शैक्षणिक सत्र 2018-19 तथा चालू शैक्षणिक सत्र में बंद करा दिया है। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने इस षडयंत्र में शामिल 23 स्कूलों के 32 शिक्षकों की एक-एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। 
 कमिश्नर डॉ. भार्गव ने इस घोर कदाचार पर विकासखण्ड त्यौंथर अन्तर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रायपुर सोनौरी के प्रभारी संकुल प्राचार्य जयकृष्ण उपाध्याय तथा तत्कालीन प्राचार्य सन्तोष कुमार मिश्रा (वर्तमान में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या पीके रीवा में पदस्थ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसी प्रकार प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गढ़ी मसुरियादीन प्रजापति, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय त्यौंथर हीरामणि शर्मा तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चाकघाट रजितराम जाटव को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। 
 कमिश्नर डॉ. भार्गव ने जवा विकासखण्ड के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सितलहा के प्राचार्य आरएन सिंह, रायपुर कर्चुलियान विकासखण्ड के शासकीय हाई स्कूल सुरसा के प्राचार्य त्रिभुवन प्रसाद शुक्ला, सिरमौर विकासखण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरौं के प्राचार्य शिव कुमार त्रिपाठी, नईगढ़ी विकासखण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इटहाकला के प्राचार्य हिन्छलाल वर्मा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खर्रा के प्राचार्य लालमणि विकल तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भीर के प्राचार्य आदित्यनाथ तिवारी को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। गौरतलब है कि कमिश्नर डॉ. भार्गव के निर्देश पर रीवा संभाग में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए अभियान जारी है। 
 कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा है कि संकुल प्राचार्यों ने बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के स्कूलों को बंद किया है जो कि घोर कदाचार है। किसी भी शासकीय संस्था को कोई व्यक्ति कैसे बंद कर सकता है। इन प्राचार्यों ने बिना सक्षम स्वीकृति के षडयंत्र पूर्वक स्कूल बंद कराये हैं ताकि शिक्षकों को अन्य स्थानों पर संलग्न कर दिया जाए। प्राचार्यों ने इसकी सूचना किसी भी वरिष्ठ अधिकारी या कार्यालय को नहीं दी और न ही किसी प्रकार की अनुमति ली। प्राचार्यों द्वारा स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की मनमाने ढंग से अन्यत्र पदस्थापना भी कर दी गई है। बंद कराये गये विद्यालयों के शिक्षक भी इस षडयंत्र में शामिल हैं।
 कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा है कि उक्त संकुल प्राचार्य बंद कराये गये विद्यालयों को पुन: प्रारंभ करायें। शिक्षकों को यथावत उन्हीं स्कूलों में पदस्थ करें तथा घर-घर जाकर विद्यालयों में पुन: छात्रों का प्रवेश करायें। अन्यथा इन संकुल प्राचार्यों से न तो कोई काम लिया जायेगा और न ही उन्हें किसी प्रकार का भुगतान किया जायेगा।


गुरुवार, 3 अक्टूबर 2019

बिम्ट्स में बी.कॉम. द्वितीय वर्ष का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट*

बिम्ट्स में बी.कॉम. द्वितीय वर्ष का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट



बुरहानपुर। निमाड़ क्षेत्र की अग्रणी शिक्षण संस्था प्रो. बृजमोहन मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड टेक्निकल साइंसेस महाविद्यालय बुरहानपुर में वाणिज्य विभाग के बी.कॉम. (ऑनर्स) एवं बी.कॉम. (कम्प्यूटर एॅप्लीकेशन) द्वितीय वर्ष का परीक्षा परिणाम देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा घोषित किया गया, जिसमें संस्था का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहा।
संस्था के जनसंपर्क अधिकारी मिर्जा राहत बेग ने बताया कि महाविद्यालय में बी.कॉम.(ऑनर्स) प्रथम वर्ष में भूषण सोनवने 78 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान, तरूणा जोषी ने 72 प्रतिशत अंक हासिल कर द्वितीय एवं अविनाष महाजऩ ने 69 प्रतिशत अंक प्राप्त कर तृतीय स्थान अर्जित किया। इसी प्रकार बी.कॉम. (कम्प्यूटर एॅप्लीकेषन) द्वितीय वर्ष में रितीका महाजन ने 68 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान, सुवन्ती दांगी ने 67.7 प्रतिशत अंक के साथ द्वितीय एवं रक्षा यादव तथा सपना महाजन ने 67 प्रतिशत अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से तृतीय स्थान हासिल किया।
विद्यार्थियों की सफलता पर संस्था अध्यक्ष श्रीमती राखी मिश्रा, उपाध्यक्ष अनिल जैन, सचिव अमित मिश्रा, संस्था के प्रषासनिक अधिकारी विषाल गोजरे, प्राचार्य सैय्यद आसिफ अली, प्रभारी प्राचार्य डॉ. धीरज कुमार नेगी, डॉ.कविता पवार, अजय ढालवानी, दिलीप कटियारे, मुकेष पाटील एवं समस्त स्टॉफ ने शुभकामनाएं प्रेषित कर हर्ष व्यक्त किया।


 


करंट लगने से कक्षा  8 वीं में अध्ययनरत  विद्यार्थी की हुई असामयिक मौत

करंट लगने से कक्षा  8 वीं में अध्ययनरत  विद्यार्थी की हुई असामयिक मौत
 
बुरहानपुर- जिला शिक्षा विभाग के ड़ोईफोड़िया संकुल क्षेत्र अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला में प्रार्थना के पश्चात   विक्की पिता मोहन पाटील को कक्षा में लगे इलेक्ट्रिक बोर्ड के बटन को छूने से करंट लगने से उसकी असामयिक मृत्यु हो गई। जानकारी के अनुसार प्रार्थना के समय सभी बच्चे लाइन से प्रार्थना में खड़े थे। प्रार्थना के पश्चात अचानक विकी मोहन एक कक्षा में चला गया जहां पर इलेक्ट्रिक बटन को हाथ लगाने से उसे करंट लग गया। शिक्षकों को जानकारी मिलते ही उसे निजी अस्पताल में प्राथमिक इलाज के लिए ले जाया गया । हालात नाजुक होने पर उसे जिला अस्पताल रैफर किया गया । जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। सुत्रों जानकारी मिली है कि उस कक्षा की बिजली कई महीनों से कटी पड़ी है जिसमें करंट कैसे आया यह सोच का विषय है। खकनार थाना प्रभारी के पी धुर्वे  द्वारा जानकारी दी गई कि छात्र को करंट लगने की सूचना प्राप्त हुई थी । उसे जिला अस्पताल ले. जाया गया था । इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई पोस्टमार्टम के  बाद उसका मर्ग कायम किया जाएगा। उसके बाद अगले स्तर पर जांच की जाएगी कि उसे करंट कैसे  लगा।


बुधवार, 2 अक्टूबर 2019

सिंगल यूज प्लास्टिक की विद्यार्थियों ने जलाई होली

सिंगल यूज प्लास्टिक की विद्यार्थियों ने जलाई होली



 बुरहानपुर- दरियापुर संकुल अंतर्गत ग्राम देव्हारी के प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों ने महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर सिंगल यूज प्लास्टिक की होली जलाकर एक नया संदेश दिया है।



शिक्षक अजमल राठौर के अनुसार बच्चों ने शाला के आसपास फैले कचरे को साफ कर एवं गांव की गलियों से प्लास्टिक एकत्रित कर उसकी होली जलाई तथा सभी बच्चों ने प्रण किया कि प्लास्टिक का उपयोग पूर्णतया बंद कर देंगे तथा लोगों को भी प्लास्टिक के सम्बन्ध में प्रकृति के नुकसान को जागरूक करेंगे ।


मंगलवार, 1 अक्टूबर 2019

पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर गांधी जयंती पर समस्त कर्मचारी निकालेंगे रैली ।


पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर गांधी जयंती पर समस्त कर्मचारी निकालेंगे रैली ।
     
 बुरहानपुर- पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन अभियान मध्य प्रदेश कोर कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष शालिकराम चौधरी के नेतृत्व में रैली निकालकर महामहिम राष्ट्रपति ,माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के नाम 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन गांधी जी द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर अहिंसात्मक रूप से केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की नीतियों का विरोध कर विरोध व्यक्त करेंगे और आमजन को यहां संदेश देंगे कि संदेश देंगे  कि आज गांधीजी होते तो उनकी आत्मा को भी बहुत कष्ट होता कि एक ओर तो 5 साल सेवा करने वाले जनप्रतिनिधि को पुरानी पेंशन दी जा रही है वही लगभग 30 वर्ष सेवा करने वाले  कर्मचारी को इससे वंचित रखा गया है और बताया जाता कि पुरानी पेंशन की जगह नई पेंशन काफी अच्छी है संघ द्वारा बार-बार यही निवेदन किया जाता है रहा है कि यदि पुरानी पेंशन हम पर लागू कर नई पेंशन वे स्वयं पर लागू कर दे ।
 देश के सभी कर्मचारी संगठन आक्रोश व्यक्त कर चुके हैं लेकिन फिर भी सरकार इस गंभीर मुद्दे को लेकर चिंतित नजर नहीं आ रही है वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों को अपनी सेवानिवृत्ति के बाद का भय सता रहा है आज कर्मचारी पर कार्य के साथ-साथ सेवानिवृत्ति के बाद की भी चिंता सता रही  है पुराने कर्मचारियो के सेवानिवृत्ति के बाद का समय सम्मान से कट जाएगा किंतु आज प्रदेश एवं देश की सरकारें सेवानिवृत्ति के बाद एक भीख का कटोरा देने के समान नीतियां बनाकर हमें प्रताड़ित कर रही है और ऐसे ही प्रताड़ित कर्मचारियों द्वारा 2 अक्टूबर को दोपहर 3:00 बजे शासकीय सुभाष विद्यालय के मैदान से एक विशाल रैली निकालकर शासन की नीतियों का विरोध किया जाएगा ,
रैली को सफल बनाने हेतु को सफल बनाने हेतु सभी संगठन के पदाधिकारियों द्वारा अपील की गई है कि अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर रैली को सफल बनाएं जिसमें मुख्य रुप से श्री राजेश साल्वे, आसिफ़ खान, विजेश राठौर, मो . फहीम, मो . अनिस, बहादुर मीर, संतोष निंभोरे, स्वप्निल महाजन सुनिल कोटवे जयराम निराले मुन्ना मुजाल्दे अनिल निकम, अजय नार्वे, श्री रंधा जी, सविता ठाकरे, भारती मेहता रूपेश जोशी शालीक चौधरी विजेश राठौर शैलेश लिमय कैलाश जयवंत विजय महाजन अतुल उईके सुधाकर माकुन्दे ईश्वर घेटे मनोज जैसवाल आदि


बच्चों की सुरक्षा के लिये सख्त कानून, पाक्सो एक्ट

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बुरहानपुर कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने ॑Another Chance^^ (एक और मौका) कविता के माध्यम से बच्चों को आगे बढ़ने की सीख बतलाई।

  बुरहानपुर कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने ॑Another Chance^^ (एक और मौका) कविता के माध्यम से बच्चों को आगे बढ़ने की सीख बतलाई। कलेक्टर सुश्री...