मध्यान्ह भोजन में से हो रही हरी सब्जिया गायब, पोषक तत्वों की कमी से जुझ रहे हैं विद्यार्थी हो रहा है सेहत से खिलवाड़
बुरहानपुर- स्कूलों में बच्चों के निवाले पर भी भ्रष्टाचार की काली छाया पड़ गई है। मध्याह्न भोजन मेनू के अनुसार नहीं बन रहे। हरी सब्जी के बगैर ही बच्चों को भोजन करा मानो केवल मिड डे मील की औपचारिकता पूरी की जा रही है। 'मेनू के अनुसार बच्चों को भोजन नहीं दिया जाना उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ है। जिले में कई शालाओं में मध्यान्ह भोजन में गुणवत्ता का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा। बुरहानपुर जिले की 50% से अधिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन में से सब्जियां गायब हो रही है। जब शिक्षकों द्वारा स्व सहायता समूह के कर्मचारियों पर जब सब्जी बनाने या मेनू के हिसाब से भोजन बनाने के लिए कहा जाता है तो शिक्षकों को डरा धमका कर चुप करा दिया जाता है ।क्योंकि अक्सर स्व सहायता समूह नेताओं के परिवार या राजनीतिक पार्टियों के संरक्षण वाले परिवारों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। कई जगह तो स्वयं सहायता समूह की महिलाएं काम नहीं करती बल्कि उन्होंने काम करने के लिए अन्य महिलाओं को मासिक पगार पर नियुक्त कर रखा है। स्व सहायता समूह के पदाधिकारियों को ही नहीं पता कि शालाओं में मध्यान्ह भोजन के रूप में क्या बनाया जा रहा है।
सोमवार से शनिवार तक मध्यान्ह भोजन पर एक नजर
सोमवार-
भोजन में होती है गड़बड़ी
सोमवार को मेनू के हिसाब से रोटी के साथ तुवर की दाल और काबली चने व टमाटर की सब्जी बनाई जाना चाहिए परंतु समूह द्वारा रोटी के साथ तुवर की दाल तो बनाई जाती है लेकिन काबुली चने और टमाटर सब्जी गायब कर दी जाती है।
मंगलवार
केवल इसी दिन ही विद्यार्थियों को सब्जी पूरी और खीर मिल जाती है
बुधवार - जिस दिन रोटी के साथ चने की दाल और मिक्स सब्जी का प्रावधान है लेकिन इस दिन भी केवल रोटी के साथ चने की दाल कई शालाओं में दी जाती है।
गुरुवार इस दिन वेजिटेबल सब्जी वाला पुलाव और पकोड़े वाली कढ़ी बनाने के लिए मेनू निर्धारित है लेकिन केवल वेजिटेबल पुलाव की जगह चावलों को हल्दी या मिर्ची साथ बघार के परोसा जाता है और और पकोड़े वाली कढ़ी की जगह केवल सादी कड़ी दी जाती है। कई बार तो केवल सादा पुलाव ही विद्यार्थी को दिया जाता है और कड़ी के लिए ही दही या छांछ आज नहीं मिलने के बहाने बनाए जाते हैं।
शुक्रवार
रोटी के साथ मूंग की दाल और काबिले चने और टमाटर की सब्जी मध्यान भोजन के रूप में दी जाना है परंतु इस दिन भी केवल रोटी के साथ मूंग की दाल और परोसी जाती है। काबिले चने और टमाटर की सब्जी की जगह केवल दाल में टमाटर या किसी सब्जी की कतरन डालकर यह दिखाया जाता है कि दाल में ही सब्जी डाल दी है।
शनिवार
शनिवार के दिन भी पराठे के साथ विकराल और हरी सब्जी मध्यान भोजन के अनुसार दी जाना है परंतु पराठे के साथ मिक्स दाल तो बनाई जाती है और हरी सब्जी के नाम पर पालक या मेथी की भाजी दाल में डालकर की पूर्ति की जाती है और पूछने पर यह बताया जाता है कि दाल में हमने हरी सब्जी डाल दी है ।
इस प्रकार से मध्यान्ह भोजन में सब्जियां ना बनाकर स्व सहायता समूह द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया जाकर विद्यार्थियों के निवाले पर डाका डाला डाला जा रहा है। ऐसा नहीं है कि शिक्षा विभाग के एवं जिला पंचायत विभाग के आला अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है परंतु इसके लिए केवल औपचारिकता मात्र की जाती है। समूह को हिदायत देकर छोड़ दिया जाता है कि अगली बार मेनू के हिसाब से भोजन बनाया जाए।
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