ज्योति खत्री ने किया पुलिस अभिरक्षा में किया आत्मसमर्पण। खत्री की गिरफ्तारी से कई चेहरे होंगे बेनकाब ? राजनीतिक षड्यंत्र होगा उजागर या प्रशासनिक दबाव का हुआ खुलासा !
मामला फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला !!
बुरहानपुर- मध्य प्रदेश के सबसे बड़ा फर्जी शिक्षक घोटाले को उजागर करने के लिए मुख्य आरोपी ज्योति खत्री का गिरफ्तार होना अत्यावश्यक था। जानकारी प्राप्त हुई की पुलिस अभिरक्षा में ज्योति खत्री ने स्वयं को आत्म समर्पित इत कर दिया है। खत्री के पास जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में स्थापना का प्रभार था जिसके कारण उसके पास डीईओ का लॉगिन आईडी पासवर्ड रहता था इससे उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अनुपस्थित शिक्षकों के यूनिक आईडी बना लिए उनके वेतन पत्रक भी बनाएं तथा अनुपस्थित शिक्षकों के वेतन आहरण कर लिए थे जब वेतन जारी करने का मामला सामने आया तब विभाग में हड़कंप मच गया और सिलसिलेवार नियुक्तियों पर उंगलियां उठने लगी जिला पंचायत द्वारा तत्काल जांच समिति बैठाई गई। जांच में तत्कालीन विकास खंड शिक्षा अधिकारी बीएस बालकर, दरियापुर हाई स्कूल प्राचार्य पीएन पाराशर, स्थापना प्रभारी ज्योति कुमार खत्री सहायक ग्रेड 2 रेवानंद भट्ट सहित अन्य शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। यह जांच का विषय है कि इतने सालों तक शिक्षा विभाग में खेल चलता रहा और अधिकारियों को इसकी भनक भी नहीं लगी। या फिर संबंधित अधिकारी भी इसमें संलिप्त थे। इस पुरे प्रकरण में ज्योति खत्री को इसका मास्टरमाइंड माना जा रहा है। परंतु क्या ज्योति खत्री इतना बड़ा मास्टरमाइंड है? यह सोचने का विषय है इसके पीछे जब परत दर परत पूछताछ की जाएगी तब बहुत से राज उजागर होने की संभावना है। अब देखना यह है कि इस फर्जी जांच घोटाले में ज्योति खत्री राजनीतिक दबाव का में फर्जी नियुक्ति के राज उजागर करता है या अधिकारियों की मिलीभगत का मामला उजागर करता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। ज्योति खत्री पर फर्जी दस्तावेज बनाकर संविदा वर्ग में नियुक्ति, अपात्र शिक्षकों के यूनिक आईडी बनाकर वेतन वेतन आहरण करने और भर्ती संबंधी शासकीय अभिलेख गायब करने के मामले में जांच के बाद खत्री के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया गया था। सभी फर्जी नियुक्तियां जनपद पंचायत बुरहानपुर में वर्ष 2008 से 2013 के बीच हुई थी। 2013 में व्यापम के माध्यम से पूरी भर्ती प्रक्रिया भोपाल से हुई थी 2013 के पहले तक जनपद पंचायत बुरहानपुरके सीईओ ही नियुक्ति जारी करते थे। खत्री को पूरे मामले का मास्टरमाइंड इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि वह स्थापना शाखा प्रभारी था नियुक्ति संबंधी सारी जानकारी उसके पास ही रहती थी इसके अलावा नियुक्त में फर्जीवाड़ा करने वाले और कौन लोग हैं इसकी भी जानकारी उसी के पास है ।पुलिस अभिरक्षा में इन फर्जी नियुक्ति में उसका साथ देने वाले या दबाव बनाने वाले लोगों के नाम उजागर हो गए तो बहुत बड़ा खुलासा होगा।
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